शहडोल। जिले में स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली को उजागर करने वाली एक खबर के प्रकाशन के बाद CHO के पति द्वारा पत्रकार पर पुलिस में कथित रूप से गलत शिकायत दर्ज कराने और खबर को रुकवाने का दबाव बनाने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। इस घटना ने स्वास्थ्य विभाग में प्रशासनिक कार्यों में बाहरी हस्तक्षेप और पदस्थ कर्मचारियों के पति/पत्नी द्वारा प्रभाव का दुरुपयोग किए जाने जैसे गंभीर सवालों को जन्म दिया है, जिससे जिले की स्वास्थ्य व्यवस्था ‘वेंटिलेटर’ पर होने की आशंका प्रबल हो गई है।
खबर पर रोक लगाने की मंशा और गलत शिकायत
सूत्रों के अनुसार जनहित 24 द्वारा उप स्वास्थ्य केंद्र छतवई की जर्जर स्थिति और स्वास्थ्य सेवाओं की अनदेखी को लेकर एक विस्तृत रिपोर्ट प्रकाशित की गई थी। इस खबर से बौखलाए CHO के पति, जो स्वयं एक जिम संचालक बताए जाते हैं, ने कथित तौर पर पत्रकार के खिलाफ पुलिस में झूठी और मनगढ़ंत शिकायत दर्ज करा दी। सूत्रों के अनुसार, इस शिकायत का मुख्य उद्देश्य खबर के आगे के प्रकाशन को रोकना और पत्रकार पर अनावश्यक दबाव बनाकर ‘खबर दबाने’ की मंशा थी।
प्रशासनिक कार्यों में हस्तक्षेप और प्रभाव का दुरुपयोग
मामले की गंभीरता तब और बढ़ गई जब CHO पति ने कथित तौर पर इस बात को स्वीकार किया कि उन्होंने अपनी पत्नी को शहर के करीब पदस्थ कराने के लिए मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी से पूर्व CHO का तबादला अन्यत्र कराने की बात कही स्वीकारी थी। यह कबूलनामा न केवल प्रशासनिक प्रक्रिया में सीधे हस्तक्षेप को दर्शाता है, बल्कि यह भी साबित करता है कि गैर-सरकारी व्यक्ति, केवल अपने पदस्थ पत्नी/पति के प्रभाव का इस्तेमाल करके, स्वास्थ्य विभाग के महत्वपूर्ण फैसलों को प्रभावित करने की कोशिश कर रहा है।
जिम संचालक CHO पति द्वारा अपने प्रभाव का भरपूर इस्तेमाल किए जाने की बात अब खुलकर सामने आ रही है, जो यह सोचने पर मजबूर करता है कि क्या इन जैसों का प्रशासनिक कार्यों में लगातार हस्तक्षेप रहता है?
वेंटिलेटर’ पर जिले का स्वास्थ्य
यह पूरा प्रकरण जिले की स्वास्थ्य सेवाओं की दयनीय स्थिति पर गहरा प्रश्नचिह्न लगाता है। एक तरफ उप स्वास्थ्य केंद्र बदहाली के शिकार हैं, वहीं दूसरी तरफ, स्वास्थ्य कर्मियों के रिश्तेदार प्रशासनिक निर्णयों को प्रभावित करने का प्रयास कर रहे हैं और खबर छापने वाले पत्रकारों को दबाव में ला रहे हैं। ऐसी स्थिति में यह कहना अतिशयोक्ति नहीं होगी कि जिले का स्वास्थ्य अमला न केवल संसाधनों की कमी से जूझ रहा है, बल्कि गैर-प्रशासनिक व्यक्तियों के अनावश्यक हस्तक्षेप के कारण पूरी स्वास्थ्य व्यवस्था ही ‘वेंटिलेटर’ पर आ चुकी है।
विभाग से संज्ञान लेने की अपेक्षा।
इस पूरे मामले में अब सबसे महत्वपूर्ण पहलू यह है कि जिले का स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन इस गंभीर घटना पर क्या संज्ञान लेता है।
CHO पति के खिलाफ कार्रवाई
क्या गलत शिकायत दर्ज कराने और प्रशासनिक कार्य में हस्तक्षेप की कोशिश करने वाले CHO पति के खिलाफ उचित वैधानिक और विभागीय कार्रवाई की जाएगी?
दबाव की राजनीति पर रोक
क्या विभाग अपने कर्मचारियों के रिश्तेदारों द्वारा किए जाने वाले अनावश्यक और अनैतिक दबाव पर रोक लगाने के लिए स्पष्ट दिशानिर्देश जारी करेगा?
उप स्वास्थ्य केंद्र की बदहाली
क्या उप स्वास्थ्य केंद्र की मूल समस्या को दूर करने के लिए तत्काल कदम उठाए जाएंगे?
देखने वाली बात यह होगी कि विभाग, पत्रकार पर बनाए गए दबाव, प्रशासनिक हस्तक्षेप और स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली की इस खबर में क्या संज्ञान लेता है, ताकि जिले की स्वास्थ्य व्यवस्था में व्याप्त अव्यवस्था पर विराम लगाया जा सके।











