‘अतिक्रमण बनाम दीपावली’, वादाखिलाफी और पटाखा आवंटन में ‘खेल’ से व्यापारी परेशान

पंकज द्विवेदी की कलम से 🖋️

शहडोल। शहर में पिछले कुछ समय से नगर पालिका द्वारा चलाए जा रहे अतिक्रमण हटाओ अभियान ने व्यापारियों को बेचैन कर दिया है। इस कार्रवाई के विरोध में उतरे विभिन्न व्यापारी संघों ने प्रशासन के समक्ष अपना जोरदार विरोध दर्ज कराया था। विरोध को देखते हुए, जिला कलेक्टर ने व्यापारियों को यह आश्वासन दिया था कि दीपावली के त्यौहार तक अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई स्थगित रहेगी और पर्व के बाद व्यापारियों से चर्चा कर ही इस अभियान को पुनः शुरू किया जाएगा। इस सहमति से व्यापारियों को कुछ राहत मिली थी, लेकिन उनकी यह शांति ज्यादा दिन नहीं टिक पाई।

पटाखा व्यापारियों के साथ ‘खेल’ का आरोप

दीपावली के महत्वपूर्ण त्यौहार के ठीक पहले नगर पालिका और जिला प्रशासन की एक और कथित मनमानी सामने आई है, जिसने पटाखा व्यापारियों को भारी रोष में डाल दिया है। जानकारी के अनुसार, प्रशासन ने पटाखा व्यापारियों को विधिवत लाइसेंस जारी किए और साथ ही दुकान नंबर भी आवंटित किए। लेकिन ऐन मौके पर, नगर पालिका के जिम्मेदारों ने कथित तौर पर नियमों को ताक पर रखते हुए एक ‘खेल’ कर दिया।

व्यापारियों का आरोप है कि उन्हें आवंटित किए गए दुकान नंबरों और वास्तविक दुकानों की जगहों को मनमाने ढंग से बदल दिया गया। यानी जिस सीरियल नंबर की दुकान जिस स्थान पर होनी चाहिए थी, उसे कहीं और स्थापित कर दिया गया या फिर पूरे लेआउट को ही अव्यवस्थित कर दिया गया।

ग्राहक भटके, व्यापारियों को ‘चूना’

इस अचानक और मनमाने बदलाव का सीधा खामियाजा उपभोक्ताओं और व्यापारियों दोनों को भुगतना पड़ा। ग्राहक जो अक्सर अपनी पहचान की दुकान या कम कीमत पर पटाखा बेचने वाले विक्रेता को उनके पूर्व निर्धारित सीरियल नंबर या स्थान से जानते थे, वे आवंटित दुकानों के गलत विस्थापन के कारण बुरी तरह भटकते दिखे। कई ग्राहकों को तो अपनी पसंदीदा या कम कीमत वाली दुकान ढूंढने में परेशानी हुई, जिससे उन्हें मजबूरन किसी भी उपलब्ध दुकान से अधिक कीमत पर खरीदारी करनी पड़ी। व्यापारियों का मानना है कि यह प्रशासनिक ‘खेल’ जानबूझकर किया गया ताकि उनकी कमाई पर ‘चूना’ लगाया जा सके और उपभोक्ताओं को भी भ्रमित किया जा सके।

व्यापारियों में भारी नाराजगी

पटाखा व्यापारियों में प्रशासन के इस कदम को लेकर खासी नाराजगी देखी जा रही है। उनका कहना है कि त्यौहार के समय ही इस तरह की अव्यवस्था फैलाना व्यापारियों के व्यवसाय को नुकसान पहुंचाने की मंशा दर्शाता है। व्यापारियों ने इस बात पर जोर दिया है कि लाइसेंस और दुकान नंबर आवंटन के बाद बिना किसी स्पष्टीकरण के इस तरह से दुकानों के स्थानों में फेरबदल करना, पारदर्शिता की कमी और मनमानी का प्रतीक है।

व्यापारी संघ अब इस ‘खेल’ और अतिक्रमण अभियान को दीपावली के बाद शुरू करने के कलेक्टर के आश्वासन पर चर्चा करने के लिए एकजुट हो रहे हैं। उनकी मांग है कि पटाखा दुकानों के आवंटन में की गई गलती और भविष्य में प्रशासन कोई भी निर्णय लेने से पहले व्यापारियों से संवाद स्थापित करे।

Leave a Comment

और पढ़ें

Cricket Live Score

Corona Virus

Rashifal

और पढ़ें