शहडोल जिले की सोहागपुर जनपद पंचायत के अंतर्गत आने वाली बरुका ग्राम पंचायत इन दिनों एक हाई-प्रोफाइल अवैध कब्जे के मामले को लेकर सुर्खियों में है। जानकारी के अनुसार, बरुका पंचायत के उपसरपंच के छोटे भाई भारत यादव पर इंजीनियरिंग कॉलेज से सटी लगभग 5 एकड़ सरकारी जमीन पर कब्जा करने का गंभीर आरोप है। मामला सिर्फ यहीं तक सीमित नहीं है, भारत यादव पर कथित तौर पर एक प्रभावशाली व्यक्ति के इशारे पर खुद और अवैध शराब कारोबारियों को जमीन कब्जाने और उन्हें झोपड़ी बनाने में मदद करने का भी आरोप लग रहा है। यह पूरी गतिविधि आगामी पंचायती चुनावों के मद्देनजर जनाधार बनाने की राजनीतिक रणनीति का हिस्सा मानी जा रही है।
वोटर लिस्ट और सरकारी योजनाओं में गड़बड़ी
मामले की शुरुआत एक चौंकाने वाली अनियमितता से होती है। भारत यादव का नाम बरुका पंचायत के रोहनिया गांव की वोटर लिस्ट में दर्ज है, जबकि वह कथित तौर पर सोहागपुर की छतवई पंचायत में रहता है। यह निवास स्थान और वोटर लिस्ट का विरोधाभास चुनाव नियमों के उल्लंघन का संकेत देता है।
इतना ही नहीं, पंचायत में उपसरपंच के छोटे भाई होने का लाभ उठाते हुए भारत यादव पर सरकारी योजनाओं का अनुचित लाभ लेने का भी आरोप है। उन्हें पशु शेड, बीपीएल कार्ड सहित अन्य सरकारी लाभ प्राप्त हुए हैं, जो उनकी वास्तविक पात्रता और निवास स्थान पर बड़े सवाल खड़े करते हैं।
अवैध कब्जा, जनाधार बनाने की रणनीति?
आरोप है कि भारत यादव अब स्थानीय राजनीति में सक्रिय होकर एक ‘विशेष वर्ग’ को खुश करने की रणनीति पर काम कर रहे हैं। इस वर्ग की पंचायत चुनाव में अच्छी खासी जनसंख्या है। इसी मकसद से, वह इंजीनियरिंग कॉलेज से लगी 5 एकड़ जमीन पर न केवल खुद कब्जा कर रहे हैं, बल्कि अवैध शराब कारोबार से जुड़े कुछ लोगों को जमीन पर कब्जा कराकर उनकी झोपड़ियां डलवाने में मदद कर रहे हैं।
सवाल यह उठता है कि जिन लोगों को कथित तौर पर पहले ही पीएम आवास योजना जैसे सरकारी लाभ मिल चुके हैं, उन्हें नई झोपड़ियां क्यों डलवाई जा रही हैं? राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह सब वोट बैंक मजबूत करने और पंचायत चुनावों से पहले राजनीतिक संरक्षण देने की कोशिश है, जहां प्रभावशाली नेता अवैध कब्जों के माध्यम से मतदाताओं को अपने पक्ष में करने की फिराक में हैं।
प्रशासन पर चुप्पी का आरोप
यह पूरा मामला प्रशासन की कार्यप्रणाली पर भी गंभीर प्रश्नचिह्न लगाता है। जमीन पर हो रहे इस बड़े अवैध कब्जे और उसमें पंचायत पदाधिकारी के परिजन तथा अवैध शराब कारोबारियों की कथित संलिप्तता की जानकारी होने के बावजूद प्रशासन की ओर से अब तक कोई ठोस कार्यवाही सामने नहीं आई है।
स्थानीय निवासियों और जागरूक नागरिकों ने इस पूरे प्रकरण को जांच का विषय बताते हुए उच्चाधिकारियों से मांग की है कि
भारत यादव के निवास स्थान और वोटर लिस्ट की जाँच कर अनियमितता पर कार्रवाई की जाए।
उसे प्राप्त सरकारी योजनाओं के लाभ की पात्रता की जाँच की जाए।
इंजीनियरिंग कॉलेज से लगी 5 एकड़ जमीन पर हुए अवैध कब्जे को तत्काल हटाया जाए और कब्जाधारियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए।
इस अवैध कारोबार और कब्जे के पीछे किस प्रभावशाली व्यक्ति का संरक्षण है, इसका खुलासा किया जाए।
राजनीतिक लाभ के लिए हो रहा यह अवैध कब्जा न केवल कानून का उल्लंघन है, बल्कि यह दर्शाता है कि स्थानीय राजनीति में सत्ता का दुरुपयोग किस हद तक किया जा रहा है। अब देखना यह है कि जिला प्रशासन इस गंभीर मामले का संज्ञान लेकर कब और क्या कार्यवाही करता है।











