शहडोल। सोहागपुर थाने में दिलीप कुमार शुक्ला नामक एक गरीब भवन निर्माण मजदूर ने रामबालक पटेल के खिलाफ धोखाधड़ी और जान से मारने की धमकी देने की शिकायत की है, लेकिन दो माह से अधिक समय बीत जाने के बाद भी पुलिस ने इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की है। दिलीप कुमार शुक्ला का आरोप है कि उन्हें उनके मकान निर्माण के काम का लाखों रुपये का भुगतान नहीं किया गया है, और पैसे मांगने पर उन्हें धमकाया जा रहा है।
क्या है पूरा मामला?
दिलीप कुमार शुक्ला, जो उमरिया जिले के रहने वाले हैं और छोटे-मोटे भवन निर्माण का काम करके अपना जीवन यापन करते हैं, ने 06 जुलाई 2022 को रामबालक पटेल से पिपरिया, थाना सोहागपुर, जिला शहडोल में मकान बनाने का अनुबंध किया था। यह अनुबंध विधिवत नोटरीकृत स्टाम्प पेपर पर हुआ था, और भुगतान चेक के माध्यम से तय हुआ था।
शुक्ला के अनुसार, उन्होंने 2024 तक मकान का काम पूरा कर दिया, लेकिन रामबालक पटेल ने न तो मजदूरों का पूरा भुगतान किया और न ही उन्हें उनका बकाया दिया। अब तक रामबालक पटेल ने सिर्फ ₹4.5 लाख का भुगतान किया है, जबकि मकान के माप के अनुसार कुल ₹18,72,169.08 का भुगतान बनता है।
पुलिस की उदासीनता पर सवाल
दिलीप कुमार शुक्ला का आरोप है कि जब भी उन्होंने अपने बकाया पैसों की मांग की, रामबालक पटेल ने टालमटोल की और उन्हें जान से मारने की धमकी भी दी। इन गंभीर आरोपों के बावजूद, सोहागपुर पुलिस ने शिकायत पर कोई संज्ञान नहीं लिया है, जिससे पीड़ित मजदूर न्याय के लिए भटक रहा है।
इस मामले में पुलिस की निष्क्रियता कई सवाल खड़े करती है, खासकर जब यह एक गरीब व्यक्ति के अधिकारों और सुरक्षा से जुड़ा है। क्या पुलिस किसी दबाव में काम कर रही है, या यह केवल उनकी कार्यप्रणाली में लापरवाही का नतीजा है? इस तरह के मामलों में पुलिस की चुप्पी से अपराधियों के हौसले बुलंद होते हैं और आम जनता का कानून व्यवस्था पर से विश्वास उठने लगता है।
अब आगे क्या?
दिलीप कुमार शुक्ला ने अब सार्वजनिक रूप से इस मामले को उठाने का फैसला किया है, ताकि उन्हें न्याय मिल सके और दोषी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई हो। यह देखना होगा कि इस खबर के बाद पुलिस प्रशासन क्या कदम उठाता है।
Author: सुभाष गौतम
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