शहडोल। जिले की जनपद पंचायत गोहपारू अंतर्गत ग्राम पंचायत रामपुर में पंच पतियों द्वारा ग्राम विकास कार्यों में कथित तौर पर बाधा डालने और सरपंच व सचिव पर झूठे आरोप लगाने का गंभीर मामला सामने आया है। ग्राम सभा ने एकजुट होकर पंच पति सुनील यादव, अशोक अहिरवार और सुनील केवट के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग करते हुए कलेक्टर को एक लिखित शिकायत सौंपी है।
सरपंच और सचिव पर लगाए गए आरोपों का खंडन
ग्राम पंचायत रामपुर की सरपंच ने शिकायत में स्पष्ट किया है कि पंच पतियों ने उनके और सचिव के खिलाफ यह झूठा आरोप लगाया है कि सरपंच पति ही पंचायत का कार्य संचालित करते हैं। सरपंच ने इस आरोप का पुरजोर खंडन करते हुए कहा है कि वह स्वयं पंचायत के सभी कार्यों का संचालन करती हैं और मासिक बैठकें नियमित रूप से आयोजित होती हैं, जिनकी अध्यक्षता वह स्वयं करती हैं।
शिकायत में कहा गया है कि पंच पति सुनील यादव, अशोक अहिरवार और सुनील केवट को बैठकों में बैठने की अनुमति नहीं दी जाती है, क्योंकि नियमानुसार बैठक में केवल निर्वाचित पंचों को ही उपस्थित रहने दिया जाता है। सरपंच का कहना है कि इसी बात से नाराज होकर इन पंच पतियों ने गलत शिकायतें करना शुरू कर दिया।
ठेकेदारी को लेकर दबाव बनाने का आरोप
शिकायत में यह भी आरोप लगाया गया है कि तीनों पंच पति गोहपारू निवासी मो. अलताफ खान को ठेके पर काम दिलाने के लिए ग्राम पंचायत पर लगातार दबाव बना रहे थे। जब ग्राम पंचायत द्वारा उनके दबाव में आकर ठेका नहीं दिया गया, तो उन्होंने नाराजगी व्यक्त की।
सरपंच और ग्राम वासियों के अनुसार, ठेका न मिलने पर पंच पतियों द्वारा यह धमकी दी गई कि वे मीडिया, न्यूज़ चैनल और जनसुनवाई में पंचायत के खिलाफ झूठी शिकायतें करेंगे और ग्राम पंचायत में किसी भी विकास कार्य को नहीं होने देंगे।
ग्रामीणों ने कलेक्टर से की कार्रवाई की मांग
इस पूरे घटनाक्रम से ग्राम पंचायत रामपुर के आम नागरिकों में आक्रोश है। समस्त ग्राम वासियों ने एकजुट होकर कलेक्टर से यह निवेदन किया है कि ग्राम पंचायत के विकास कार्य सुचारु रूप से चलाने और सरपंच व सचिव को बिना किसी दबाव के कार्य करने देने के लिए, ऐसे पंच पतियों पर उचित एवं कठोर कार्यवाही की जाए।
शिकायत पत्र पर ग्राम पंचायत रामपुर के उपस्थित समस्त ग्राम वासियों के हस्ताक्षर भी हैं, जो दर्शाता है कि यह मांग केवल सरपंच या सचिव की नहीं, बल्कि पूरे ग्राम समाज की है। अब देखना यह है कि जिला प्रशासन इस मामले को कितनी गंभीरता से लेता है और ग्राम विकास में बाधा डालने के कथित प्रयासों पर क्या कार्रवाई करता है।











