शहडोल। जिले में जनजातीय कार्य विभाग के सहायक आयुक्त आनंद राय सिन्हा को उनके प्रभावशाली और कुशल नेतृत्व के लिए जाना जाता है। कम संसाधनों के बावजूद, उन्होंने शिक्षा, हॉस्टल प्रबंधन और विभागीय कार्यप्रणाली में महत्वपूर्ण सुधार किए हैं, जिससे वे न केवल अपने अधीनस्थों के बीच बल्कि जिले के शीर्ष अधिकारियों के बीच भी लोकप्रिय हो गए हैं।
कम संसाधनों में बेहतर परिणाम
सिन्हा ने सीमित बजट और संसाधनों का उपयोग करके भी शिक्षा और हॉस्टल प्रबंधन में उत्कृष्ट परिणाम दिए हैं। उन्होंने उपलब्ध संसाधनों का अधिकतम और प्रभावी उपयोग सुनिश्चित किया, जिससे छात्रों को बेहतर सुविधाएं मिल सकीं।
सटीक निरीक्षण और नियंत्रण
उनकी कार्यप्रणाली का एक महत्वपूर्ण पहलू हॉस्टलों और शैक्षणिक संस्थानों का नियमित और गहन निरीक्षण है। वे व्यक्तिगत रूप से व्यवस्थाओं की जाँच करते हैं और सुनिश्चित करते हैं कि सभी नियम-कानूनों का पालन हो। इस कड़े निरीक्षण के कारण अनियमितताओं में कमी आई है और पारदर्शिता बढ़ी है।
नेतृत्व कौशल और मातहतों पर नियंत्रण
सिन्हा अपने मातहतों को प्रभावी ढंग से नियंत्रित करते हैं, लेकिन यह नियंत्रण केवल आदेश देने तक सीमित नहीं है। वे अपने कर्मचारियों को प्रेरित भी करते हैं और उन्हें बेहतर प्रदर्शन करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं। इस प्रकार, उन्होंने एक ऐसा कार्य-वातावरण बनाया है जहाँ सभी कर्मचारी जिम्मेदारी और समर्पण के साथ काम करते हैं।
शिक्षा और हॉस्टल में सुधार
शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाना और हॉस्टलों को सुरक्षित और स्वच्छ बनाना उनकी प्राथमिकता रही है। उन्होंने छात्रों के लिए शैक्षणिक वातावरण को बेहतर बनाने के लिए कई पहल की हैं।
जनजातीय कल्याण के लिए प्रयास
आनंद राय सिन्हा ने जनजातीय समुदाय के कल्याण के लिए कई महत्वपूर्ण कार्य किए हैं। उनका मानना है कि शिक्षा ही जनजातीय समाज के उत्थान का सबसे महत्वपूर्ण साधन है। उन्होंने सुनिश्चित किया है कि सरकारी योजनाओं का लाभ सही लाभार्थियों तक पहुंचे और कोई भी पात्र व्यक्ति शिक्षा और अन्य सुविधाओं से वंचित न रहे। उनकी कार्यप्रणाली और उनके समर्पण ने उन्हें जिले में एक प्रशंसित अधिकारी बना दिया है।











